केंद्र सरकार के पास तेल कंपनियों, उर्वरक कंपनियों, भारतीय खाद्य निगम जैसी संस्थानों को विभिन्न बॉण्ड जारी करने का अधिकार है.तेल की बढ़ती कीमतें आम जनता के सिर पर न पड़ें इसके लिए केंद्र सरकार सब्सिडी दिया करती थी. यानी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमतें चाहे जो भी हों देश में सरकारें अपने मुताबिक उसे कंट्रोल कर सकती थीं.ऑयल बॉण्ड वो सिक्योरिटी होती हैं, जिसे सरकारें नकद सब्सिडी के बदले तेल कंपनियों को दिया करती हैं. ये बॉण्ड अमूमन लंबी अवधि के होते हैं. तेल कंपनियों को इन पर ब्याज़ भी चुकाया जाता है.
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